
रबिंद्र नगर (कुशीनगर)।
जिले में लम्पी रोग को लेकर पशुपालकों में चिंता बढ़ गई है। पशु कृत्रिम गर्भाधान केंद्र रबिंद्र नगर के प्रभारी डॉक्टर गिरिजाशंकर दूबे ने बताया कि यह रोग मुख्य रूप से मच्छरों के काटने से फैलता है। उन्होंने इसे मनुष्यों में होने वाली चेचक की बीमारी के समान बताया।

गिरिजाशंकर दूबे ने कहा कि लम्पी रोग से बचाव के लिए पशुपालकों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। बाड़ों की साफ-सफाई, नियमित कीट नियंत्रण और समय-समय पर पशु चिकित्सक से जांच कराना बेहद जरूरी है। बीमार पशुओं को स्वस्थ पशुओं से तुरंत अलग रखने की अपील की गई है।
विशेषज्ञों के अनुसार लम्पी रोग के लक्षणों में पशुओं के शरीर पर गांठें निकल आना, बुखार, दूध उत्पादन में कमी और कमजोरी शामिल हैं। समय पर इलाज न कराने पर यह बीमारी गंभीर रूप ले सकती है।

जिला पशुपालन विभाग ने विशेष टीकाकरण अभियान शुरू कर दिया है। पशुपालक नजदीकी पशु अस्पताल या कृत्रिम गर्भाधान केंद्र से संपर्क कर अपने पशुओं का मुफ्त टीकाकरण करा सकते हैं। विभाग ने किसानों से अपील की है कि वे हेल्पलाइन नंबर 1962 या स्थानीय पशु चिकित्सक से तुरंत संपर्क करें, यदि उनके पशुओं में लम्पी रोग के लक्षण दिखें।
पशुपालन विभाग की टीम गांव-गांव जाकर जागरूकता अभियान भी चला रही है ताकि समय पर पहचान और उपचार से नुकसान को कम किया जा सके।
रिपोर्ट : के.एन. साहनी