भारत लेनिन बाबू जगदेव प्रसाद जी का शहादत दिवस श्रद्धापूर्वक मनाया गया
कुशीनगर। कसया के सपहां में बहुजन विकास मंच कुशीनगर के तत्वावधान में भारत लेनिन कहे जाने वाले बाबू जगदेव प्रसाद जी का शहादत दिवस बड़े ही श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाया गया। इस अवसर पर दूर-दराज़ से बड़ी संख्या में समाजसेवी, कार्यकर्ता और ग्रामीण उपस्थित रहे।
मुख्य अतिथि और अतिथियों का संबोधन
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य मा० फूलबदन कुशवाहा मंचासीन रहे। उनके साथ नगर पालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि कुशीनगर श्री राकेश जायसवाल, बौद्ध भिक्षु भंते महेंद्र जी तथा अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।
- मा० फूलबदन कुशवाहा ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, “बाबू जगदेव प्रसाद ने समाज के शोषित, वंचित और पिछड़े वर्गों के लिए जो संघर्ष किया, वह हमेशा प्रेरणास्रोत रहेगा। उन्होंने समानता और न्याय की लड़ाई को अपना जीवन बना लिया और उसी के लिए शहीद हो गए।”
- राकेश जायसवाल ने कहा, “उनके विचार हमें भाईचारे और समाज में समान अवसर के लिए संघर्ष करने की प्रेरणा देते हैं। आज की पीढ़ी को चाहिए कि वे उनके बताए रास्ते पर चलकर समाज में सकारात्मक बदलाव लाएं।”
- भंते महेंद्र जी ने कहा, “बुद्ध और बाबू जगदेव प्रसाद दोनों की विचारधारा करुणा, समानता और न्याय पर आधारित है। इन मूल्यों को अपनाने से ही सच्चे लोकतंत्र की स्थापना संभव है।”
- कार्यक्रम अध्यक्ष जयप्रकाश कुशवाहा ने कहा, “आज का दिन हमें यह संकल्प लेने का अवसर देता है कि हम बाबू जगदेव प्रसाद के बताए मार्ग पर चलकर समाज को न्याय और समानता की दिशा में आगे बढ़ाएँ।”
आयोजन में सहयोग और सक्रिय भूमिका
शहादत दिवस को सफल बनाने में राहुल कुशवाहा, मुनीम कुशवाहा, रामआधार कुशवाहा, पुरूषोत्तम कुशवाहा, ओमप्रकाश कुशवाहा सहित अनेक सहयोगियों की सक्रिय भूमिका रही। कार्यक्रम में उपस्थित जनसमूह ने बाबू जगदेव प्रसाद के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
शहादत दिवस का महत्व
वक्ताओं ने अपने संबोधन में कहा कि बाबू जगदेव प्रसाद ने अपने जीवनकाल में जातीय भेदभाव और सामाजिक असमानता के खिलाफ आवाज बुलंद की। उन्होंने गरीब, दलित, पिछड़े और वंचित समाज की लड़ाई लड़ी और इसके लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए।
सभा में यह भी कहा गया कि उनकी शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी और उनकी विचारधारा आने वाली पीढ़ियों के लिए नई दिशा का काम करेगी।