पूर्वांचल गांधी का तीखा हमला : सांसद–विधायक–मंत्री संवैधानिक लुटेरे


पूर्वांचल गांधी का तीखा हमला : सांसद–विधायक–मंत्री संवैधानिक लुटेरे

कुशीनगर, 27 अगस्त।
शांतिवन शोध पुस्तकालय से समाजवादी चिंतक डॉ. संपूर्णानंद मल्ल ‘पूर्वांचल गांधी’ ने सत्तारूढ़ व्यवस्था पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने अपने पत्र में सांसद, विधायक और मंत्रियों को “संवैधानिक चोर–लुटेरा–अपराधी” बताते हुए कहा कि मौजूदा सत्ता अंग्रेजी हुकूमत से भी ज्यादा लूटपाट करने वाली बन चुकी है।

पूर्वांचल गाँधी डॉक्टर मल्ल

टैक्स व्यवस्था पर करारा वार

पूर्वांचल गांधी ने कहा कि कार्यपालिका की मुट्ठी में जनता का मौलिक अधिकार कैद है। “जब चाहें पेट, पथ, शिक्षा, चिकित्सा और रेल पर टैक्स थोप देते हैं।”
उन्होंने आरोप लगाया कि संसद और विधानसभा में बैठने वाले जनप्रतिनिधि किसान–मजदूर की गाढ़ी कमाई पर पल रहे हैं। “40–50 लाख सालाना वेतन और मुफ्त सुविधाएं लेकर ये मेज थपथपा कर टैक्स का समर्थन करते हैं।”

समान शिक्षा–स्वास्थ्य की मांग

डॉ. मल्ल ने ऐलान किया कि यदि सच का लोकतंत्र और संविधान लागू हो जाए तो गरीबी, बेरोजगारी और महंगाई का अंत हो जाएगा।
उन्होंने मांग की – “देश में गरीब और अमीर के लिए एक विद्यालय, एक चिकित्सालय और एक रेल व्यवस्था होनी चाहिए।”
साथ ही रोजमर्रा की जरूरी वस्तुओं – आटा, चावल, दाल, तेल, चीनी, दूध, दवा, पानी, शिक्षा और चिकित्सा पर टैक्स समाप्त करने की भी बात कही।

संसद पर सत्याग्रह की चेतावनी

पूर्वांचल गांधी ने दो टूक कहा कि यदि 1 अक्टूबर तक लोकतंत्र और संविधान को जनता को वापस नहीं किया गया तो वे 2 अक्टूबर गांधी–शास्त्री जयंती पर संसद भवन के बाहर तिरंगा और संविधान के साथ सत्याग्रह करेंगे।
उन्होंने इसे नमक सत्याग्रह की तर्ज़ पर “लोकतांत्रिक–संवैधानिक क्रांति” करार दिया।

राष्ट्रपति और सुप्रीम कोर्ट को पत्र

डॉ. मल्ल ने यह पत्र राष्ट्रपति, सर्वोच्च न्यायालय, प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, राज्यपाल और मुख्यमंत्री को भेजा है। उन्होंने साफ कहा – “मुझे हाउस अरेस्ट करना कोई समाधान नहीं है।”


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