पिता का सपना बना प्रेरणा, गाजीपुर के प्रवीण कुमार खरवार बने रेलवे सुरक्षा बल के जांबाज सिपाही



झारखंड-बिहार में दे रहे सेवा, 2014 से RPSF में निभा रहे जिम्मेदारियाँ


रिपोर्ट – के. एन. सहानी

प्रवीण कुमार खरवार के साथ पत्रकार के एन सहानी

झारखण्ड/बिहार/ उत्तर प्रदेश।
गाजीपुर जनपद के एक साधारण परिवार में जन्मे प्रवीण कुमार खरवार ने यह साबित कर दिया कि मजबूत इरादे, कठिन परिश्रम और परिवार की प्रेरणा से कोई भी मंज़िल दूर नहीं। वर्ष 2014 में रेलवे सुरक्षा विशेष बल (RPSF – Railway Protection Special Force) में उनकी भर्ती हुई, और तभी से वे भारतीय रेलवे की सुरक्षा सेवा में पूरे समर्पण के साथ कार्यरत हैं।

प्रवीण कुमार की सफलता केवल एक सरकारी नौकरी पाने की कहानी नहीं है, बल्कि यह उनके दिवंगत पिता के उस सपने की पूर्ति भी है जिसमें उन्होंने चाहा था कि उनका बेटा केंद्रीय सेवा में जाकर देश का नाम रोशन करे।

सीमित संसाधनों, ग्रामीण पृष्ठभूमि और अनेक सामाजिक चुनौतियों के बावजूद प्रवीण ने हार नहीं मानी। उन्होंने नियमित पढ़ाई, अनुशासित जीवनशैली और कठोर मेहनत के दम पर रेलवे सुरक्षा बल की कठिन भर्ती प्रक्रिया को पार किया। ट्रेनिंग पूरी करने के बाद उनकी तैनाती RPSF के माध्यम से झारखंड और बिहार जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में की गई, जहाँ वे आज भी कर्तव्यनिष्ठा से अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

RPSF में कार्यरत प्रवीण की जिम्मेदारियों में रेलवे की संपत्तियों की सुरक्षा, यात्री सुरक्षा में सहयोग, आपात स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया, और विभिन्न रेलवे अभियानों में हिस्सा लेना शामिल है। कठिन परिस्थितियों में भी उनका समर्पण, संयम और निष्ठा उन्हें उनके साथियों में अलग पहचान दिलाते हैं।

प्रवीण बताते हैं,

“मेरे पिता का सपना था कि मैं केंद्रीय सेवा में भर्ती होऊँ। उसी सपने ने मुझे हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। आज जब मैं वर्दी पहनकर देश की सेवा करता हूँ, तो लगता है जैसे पिताजी का आशीर्वाद हर पल साथ है।”

उनकी यह यात्रा न केवल उनके परिवार के लिए गौरव का विषय है, बल्कि गाजीपुर और आस-पास के युवाओं के लिए भी एक प्रेरक उदाहरण है कि मेहनत, धैर्य और उद्देश्य की स्पष्टता से हर चुनौती पार की जा सकती है।


रिपोर्ट – के. एन. सहानी


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