पूर्वांचल गांधी का तीखा प्रहार: “न्याय चाहिए, वरना जेल भेज दीजिए”


पूर्वांचल गांधी का तीखा प्रहार: “न्याय चाहिए, वरना जेल भेज दीजिए”

गोरखपुर
विश्वविद्यालय में नियुक्तियों में कथित अनियमितताओं को लेकर सत्याग्रह पर बैठे पूर्वांचल गांधी डॉ. संपूर्णानंद मल्ल ने प्रशासन और शासन के खिलाफ तीखा प्रहार किया है। अनशन के चौथे दिन उन्होंने जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को संबोधित पत्र में लिखा है, “मुझे सत्य चाहिए जो न्याय से अभिन्न है। यदि विश्वविद्यालय द्वारा यूजीसी का आदेश दिनांक 28.08.2008 लागू कर मुझे नियुक्ति पत्र नहीं दिया जाता, तो मेरी स्वतंत्रता का अधिकार मुझसे जबरदस्ती छीना जा रहा है। ऐसे में या तो न्याय दें या मुझे जेल भेज दें।”

अनशन पर गाँधी

डॉ. मल्ल ने यह भी घोषणा की है कि यदि प्रशासन ने जल्द निर्णय नहीं लिया, तो वे विश्वविद्यालय गेट पर राष्ट्रपति, राज्यपाल, एचआरडी मंत्री और मुख्यमंत्री के प्रतीकात्मक पुतले जलाएंगे। उन्होंने पुलिस प्रशासन से अनुरोध किया है कि उन्हें हाउस अरेस्ट न किया जाए।

उन्होंने आगे कहा कि बीते तीन माह में विश्वविद्यालय प्रशासन, जिला प्रशासन व उच्च अधिकारियों को कई पत्र प्रेषित किए गए हैं, जिनकी प्रति ईमेल और रिकॉर्ड पर उपलब्ध हैं। डॉ. मल्ल की मांग है कि एडीएम अंजनी सिंह, एडीएम विनीत सिंह व सीआरओ हिमांशु वर्मा की एक समिति इन पत्रों का संज्ञान ले और इसकी रिपोर्ट माननीय राज्यपाल को प्रेषित की जाए।

डॉ. मल्ल ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. गौरव ग्रोवर से पूर्व में विश्वविद्यालय की नियुक्तियों में अनियमितता और अयोग्य व्यक्तियों की भर्ती की जांच का अनुरोध किया था। उनका कहना है कि इस जांच की रिपोर्ट भी राजभवन को भेजी जाए।

पूर्वांचल गांधी के इस सत्याग्रह ने विश्वविद्यालय प्रशासन, जिला अधिकारी और पुलिस प्रशासन को नए सिरे से सोचने के लिए विवश कर दिया है।

रिपोर्ट: के. एन. सहानी, गोरखपुर


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