गोरखपुर विश्वविद्यालय नियुक्ति में कथित अन्याय के विरोध में सत्यपथ आवास से आंदोलन; शाहपुर पुलिस ने विश्वविद्यालय गेट पर रोका तो उग्र हुए गांधीवादी
गोरखपुर | 15 जुलाई 2025
रिपोर्ट: के. एन. सहानी | सच्ची रिपोर्ट, गोरखपुर
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गोरखपुर विश्वविद्यालय में नियुक्ति पत्र को लेकर चल रहे कथित अन्याय और अनियमितताओं के विरोध में दिल्ली विश्वविद्यालय से पीएच.डी धारक डॉ. संपूर्णानंद मल्ल — जिन्हें आमजन ‘पूर्वांचल गांधी’ के नाम से जानते हैं — ने मंगलवार को अनिश्चितकालीन अनशन की शुरुआत कर दी।
पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार उन्हें विश्वविद्यालय गेट पर अनशन शुरू करना था, लेकिन शाहपुर थाना पुलिस ने उन्हें रास्ते में ही रोक दिया।
इस कार्रवाई से क्षुब्ध होकर उन्होंने अपने सत्यपथ स्थित आवास (थाना शाहपुर) से ही आंदोलन आरंभ कर दिया।
🗣️ डॉ. मल्ल बोले:
“मेरे फेफड़े और लीवर में सूजन है, लेकिन विवि में हो रहे अन्याय के खिलाफ मैं शांत नहीं बैठ सकता। यही अन्याय मेरी बीमारी का कारण भी है।”
📩 प्रशासन को भेजी पूर्व सूचना:
डॉ. मल्ल ने इस सत्याग्रह की लिखित सूचना जिलाधिकारी श्री कृष्णा करुणेश को पूर्व में ही भेज दी थी। उन्होंने इस संदर्भ में राज्यपाल, मानव संसाधन मंत्री, यूजीसी अध्यक्ष, मंडलायुक्त, कुलपति, और एसएसपी गोरखपुर को भी पत्र भेजा है।
🎓 डॉ. मल्ल की शैक्षिक योग्यता:
- पी.जी. प्रथम श्रेणी
- यूजीसी नेट एवं जेआरएफ
- पीएच.डी (आर्कियोलॉजी) — दिल्ली विश्वविद्यालय
- कार्य अनुभव: आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया
❓ क्यों कर रहे हैं अनशन?
डॉ. मल्ल का स्पष्ट आरोप है कि इतने योग्य होने के बावजूद उन्हें जानबूझकर नियुक्ति प्रक्रिया में दरकिनार किया गया।
उनका कहना है कि यह न केवल व्यक्तिगत अन्याय है बल्कि विश्वविद्यालय की चयन प्रक्रिया की पारदर्शिता पर भी गहरा प्रश्नचिह्न लगाता है।
🧭 बड़ा सवाल:
डॉ. मल्ल का यह शांतिपूर्ण अनशन अब गोरखपुर विश्वविद्यालय की प्रशासनिक कार्यप्रणाली, शैक्षणिक संस्थानों की निष्पक्षता और उत्तरदायी शासन व्यवस्था पर सार्वजनिक चर्चा और बहस का विषय बनता जा रहा है।
📞 संपर्क:
डॉ. संपूर्णानंद मल्ल
मो. – 9415418263

