न्याय की लड़ाई में फिर आमरण अनशन पर बैठेंगे पूर्वांचल गांधी, 15 जुलाई से विश्वविद्यालय गेट पर सत्याग्रह


डा सम्पूर्णनानंद गाँधी

🖋 रिपोर्ट: के. एन. सहानी
न्यूज प्लेटफार्म: सच्ची रिपोर्ट, उत्तर प्रदेश

गोरखपुर।
गोरखपुर विश्वविद्यालय प्रशासन के कथित अन्याय के खिलाफ वर्षों से संघर्षरत पूर्वांचल गांधी ने एक बार फिर आमरण अनशन की घोषणा की है। उन्होंने जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश को पत्र लिखकर चेताया है कि यदि 14 जुलाई की शाम तक उन्हें नियुक्ति पत्र नहीं सौंपा गया, तो वे 15 जुलाई से विश्वविद्यालय गेट पर अनशन शुरू करेंगे।

पूर्वांचल गांधी का कहना है कि वे पहले ही विश्वविद्यालय के खिलाफ 13 दिन का अनशन कर चुके हैं। इसके अतिरिक्त ‘आसरा आवास’ योजना में गरीबों की दुर्दशा को लेकर उन्होंने 9 दिन तक भूख हड़ताल की थी, जिससे उनकी सेहत स्थायी रूप से प्रभावित हो चुकी है। बावजूद इसके, विवि की “अपराधपूर्ण चुप्पी” ने उन्हें फिर से सत्याग्रह के लिए मजबूर कर दिया है।

“अगर मैं अयोग्य, तो विश्वविद्यालय के 300 आचार्य कैसे योग्य?”

पूर्वांचल गांधी ने विश्वविद्यालय पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें सत्र 2007-08 में अयोग्य घोषित कर हटा दिया गया, जबकि उनके पास प्रथम श्रेणी में स्नातकोत्तर डिग्री, यूजीसी नेट और दिल्ली विश्वविद्यालय से प्राप्त प्रतिष्ठित पीएच.डी की उपाधि है। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर ऐसे शैक्षिक योग्यता वाले व्यक्ति को अयोग्य माना गया, तो फिर विवि में कार्यरत 300 से अधिक आचार्य की क्या स्थिति है?

यूजीसी नेट की “मौन हत्या” पर दर्ज हो अपराध – गांधी की मांग

पूर्वांचल गांधी ने मांग की है कि जिन अधिकारियों ने उनकी योग्यता को दबाया, उनके खिलाफ यूजीसी नेट की “मौन हत्या” के आरोप में आपराधिक मुकदमा दर्ज किया जाए। साथ ही अगस्त 2003 की वरिष्ठता के आधार पर उन्हें प्रोफेसर पद पर तत्काल नियुक्त किया जाए।

उन्होंने प्रशासन से यह भी आग्रह किया है कि 15 जुलाई से शुरू होने वाले उनके सत्याग्रह के दौरान उन्हें आवश्यक चिकित्सा सुविधा, पेयजल और कड़ी सुरक्षा मुहैया कराई जाए।

उनका पत्र जिलाधिकारी के साथ-साथ मंडलायुक्त, सिटी मजिस्ट्रेट, एडीजी, डीआईजी, एसएसपी, एसपी सिटी, सीओ एवं थाना शाहपुर के अधिकारियों को भी प्रेषित किया गया है।


📞 संपर्क:
पूर्वांचल गांधी
“सत्यपथ”, थाना शाहपुर, गोरखपुर
मो.: 9415418263


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