लखनऊ :कार्यालय
तहसील स्तर के वरिष्ठ अधिकारी करें स्थलीय जांच, निष्पक्ष निस्तारण के दिए निर्देश
लखनऊ, 25 जून।
उत्तर प्रदेश सरकार ने जनता दर्शन में प्राप्त हो रहे प्रार्थना पत्रों के निस्तारण को लेकर एक अहम आदेश जारी किया है। मुख्यमंत्री कार्यालय, लोक भवन लखनऊ द्वारा जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि इन प्रार्थना पत्रों का निस्तारण मात्र लेखपाल की रिपोर्ट के आधार पर न किया जाए।
मुख्यमंत्री जी के समक्ष जनता दर्शन में बड़ी संख्या में प्राप्त हो रहे पत्रों की विवेचना के बाद यह देखा गया कि अधिकतर मामलों में केवल एकतरफा आख्या के आधार पर निर्णय दे दिया जा रहा है, जिससे न केवल समस्याओं का समाधान अधूरा रह जाता है, बल्कि निस्तारण की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर भी प्रश्न खड़े होते हैं।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने सभी मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को निर्देशित किया है कि ऐसे सभी प्रकरणों में तहसीलदार या नायब तहसीलदार जैसे वरिष्ठ अधिकारी मौके पर जाकर स्थलीय स्थिति का निरीक्षण करें और फिर दोनों पक्षों की बात सुनकर निष्पक्ष एवं विवेकपूर्ण निर्णय लें।
इसके साथ ही यह भी निर्देश दिया गया है कि केवल एक पक्ष की सुनवाई अथवा प्रार्थना पत्र को रुटीन प्रक्रिया में निस्तारित करना पर्याप्त नहीं है। आवश्यक है कि वादी और प्रतिवादी दोनों की बातों को सुनकर तथ्यों के आधार पर न्यायसंगत और कानूनी निस्तारण सुनिश्चित किया जाए।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने उम्मीद जताई है कि भविष्य में इन निर्देशों का गंभीरता से पालन करते हुए प्रार्थना पत्रों का निष्पक्ष, पारदर्शी और संतुलित निस्तारण किया जाएगा, ताकि जन विश्वास बना रहे और शासन-प्रशासन की कार्यप्रणाली प्रभावी हो।

