रिपोर्ट:के. एन. साहनी
स्थान: धर्मपुर बुजुर्ग, कसया-पडरौना मार्ग, कुशीनगर



ग्रामीण अंचल में शिक्षा के क्षेत्र में नई रोशनी फैलाती हुई “अध्ययन सेल्फ स्टडी लाइब्रेरी” छात्रों के लिए एक प्रेरणादायक पहल बनकर उभरी है। धर्मपुर बुजुर्ग (कुशीनगर) में स्थित यह लाइब्रेरी उन छात्रों के लिए वरदान सिद्ध हो रही है, जिन्हें अब तक सुविधाओं के अभाव में उचित माहौल नहीं मिल पाता था।
इस लाइब्रेरी की सबसे बड़ी विशेषता है कि यहाँ छात्रों को मिलता है ध्वनि प्रदूषण से मुक्ति, जिससे वे एकाग्रता के साथ अध्ययन कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, एयर कंडीशन्ड वातावरण और पूर्णतः वाई-फाई से युक्त सुविधा इसे और भी आधुनिक बनाती है।
कुल 60 सीटों की क्षमता वाली यह लाइब्रेरी विद्यार्थियों को एक सन्नाटे और अनुशासित वातावरण में अध्ययन का अवसर प्रदान करती है। छात्र यहाँ न केवल प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, बल्कि आत्मनिर्भरता की ओर भी अग्रसर हो रहे हैं।
ज्ञान सिंह, जो इस पहल के प्रेरक हैं, का कहना है:
“इस ग्रामीण अंचल में कई ऐसे प्रतिभाशाली छात्र हैं जो केवल सही माहौल और संसाधनों के अभाव में पिछड़ जाते हैं। मैंने यह लाइब्रेरी इसलिए खोली है ताकि ऐसे युवाओं को आगे बढ़ने का अवसर मिले।”
उनकी इस सोच ने न सिर्फ आसपास के ग्रामीण युवाओं को सशक्त किया है, बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत की भावना को भी मजबूत किया है।
यह पहल यह दर्शाती है कि यदि सोच सकारात्मक हो और संकल्प मजबूत, तो सीमित संसाधनों में भी महान कार्य संभव हैं।