गौरी बाजार के “सेतु” बने संदीप उर्फ़ (संजीव) सिंह


गौरी बाजार के “सेतु” बने संदीप उर्फ़ (संजीव) सिंह

गौरीबाजार (देवरिया):

संदीप सिंह


नगर पंचायत गौरीबाजार से एक ऐसी कहानी उभरकर सामने आई है, जो दिखाती है कि कैसे एक आम-ओ-आम नागरिक स्वयं संस्था बन, पूरे समाज को जोड़ सकता है और सकारात्मक बदलाव ला सकता है।
संदीप उर्फ़ (संजीव) सिंह, जिनके बारे में लोग अब ‘सेतु’ कहकर सम्बोधित करते हैं, healthcare, शिक्षा, सामाजिक सौहार्द, और युवा सशक्तिकरण में करिश्माई योगदान दे रहे हैं।


👨‍👩‍👧‍👦 सेवा-परिवार की विरासत

संदीप सिंह एवं सतीश सिंह पुत्र श्री गिरीश सिंह  ग्राम(पथरहट विकास खंड एवं नगर पंचायत गौरीबाजार के सम्मानित नागरिक) है, और बड़े भाई हैं श्री सतीश सिंह (पूर्वोत्तर रेलवे में सब-इंस्पेक्टर) है। सेवा-पारिवारिक वातावरण ने संदीप को नन्हीं उम्र से ही औरों की भलाई के लिए समर्पित कर दिया।


💊 स्वास्थ्य सेवा: मिशन मोड ऑन

गाँव और कस्बों में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी आम बात है। लेकिन संदीप का मिशन है:

  • सस्ती, सरल और समय पर दवाइयाँ
  • आर्थिक सहायता जरूरतमंदों के लिए
  • समयपालनईमानदारी किसी स्व-व्यवसाय से बढ़कर जिम्मेदारी बन चुकी है

उनके स्टोर पर हर मरीज को मिलता है विश्वास, दृढ़ता और सच्ची सेवा।


🤝 विवादों का शांति से समाधान

गौरीबाजार में जहां छोटी-छोटी खटपटें पनपती हैं, वहीं संदीप समझदारी से उनका हल ढूंढ लेते हैं।
“थाने तक नहीं जाता मामला”—स्थानीय लोगों की सुकूनदायक कहावत बन चुकी है।

यह संवाद-सेतु न केवल शांति बनाए रखता है, बल्कि समाज में सबको जोड़ने की ताकत भी है।


🎓 शिक्षा—युवा भविष्य की चाबी

संदीप यह मानते हैं कि शिक्षा ही समाज का आधार होती है
इस विश्वास को जीते हुए वे:

  • प्रतियोगी परीक्षाओं में मार्गदर्शन
  • करियर विकल्पों की जानकारी
  • आर्थिक सहायता–सभी की समुचित व्यवस्था करते हैं

युवाओं में बढ़ता आत्मविश्वास और उनके लिए खुलती संभावनाएं क्षेत्र को और प्रगति की ओर ले जा रही हैं।


🙏 धर्म, संस्कृति और सेवा

धार्मिक समारोहों, सामाजिक आयोजनों में संदीप को स्वयंसेवक के तौर पर देखा जाता है।
उनका योगदान न सिर्फ पैसों में, बल्कि समय और व्यक्तिगत आत्मसमर्पण में भी निहित है।


🌟 सादगी, आदर्श और सच्चा जनसेवक

बिना किसी प्रचार या चुनावी पहल के,
बिना किसी पद की चाह में,
संदीप (संजीव) सिंह खुद को समर्पित कर देते हैं समाज-जीवन को।
उनकी सरलता, सहजता और दिन-रात सेवा की ड्यूटी ने उन्हें गाँव-नगर में आदर्श का रूप दे दिया है।


📝 निष्कर्ष: एक जीवंत प्रेरणा

गौरीबाजार का हर नागरिक जानता है कि “संदीप (संजीव) सिंह हमारे सेतु हैं—वह हमें जोड़ने वाला, धड़कता हुआ, भरोसेमंद जनसेवक।”
उनका जीवन यह साबित करता है कि छोटे कस्बों में समाज की वास्तविक ताकत आम व्यक्ति ही बनकर उभरती है


🖋️ विशेष संवाददाता: के. एन. साहनी, जनपद देवरिया 📞 945303386


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