कुशीनगर में सरकारी चावल में प्लास्टिक! प्रशासन की चुप्पी पर उठे सवाल

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कुशीनगर (विशेष संवाददाता)।
कुशीनगर जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है जिसने गरीब उपभोक्ताओं की थाली में जहर परोसने का आरोप सिद्ध कर दिया है। जिले के कई राशन उपभोक्ताओं ने खुलासा किया है कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) से वितरित हो रहा चावल खाने योग्य नहीं है बल्कि उसमें प्लास्टिक के दाने मिले हुए हैं।

ग्रामीणों ने बाकायदा इसका प्रमाण आम जनता के सामने पेश कर दिया है। चावल को पकाने के बाद जब उसे हाथों से मसलने की कोशिश की गई तो उसमें प्लास्टिक जैसा पदार्थ पाया गया। कुछ उपभोक्ताओं ने वीडियो और फोटो बनाकर इसे सोशल मीडिया पर भी साझा किया है, जिससे प्रशासन की कार्यशैली पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है।

यह किसकी जिम्मेदारी?
यह कोई मामूली आरोप नहीं है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम पर वोट मांगने वाली सरकार में इस तरह की लापरवाही कहां तक उचित है? यह सरकार किसी विपक्षी दल की नहीं, बल्कि खुद योगी जी की है। ऐसे में अब सीधा सवाल उठता है कि आखिर रसद विभाग क्या कर रहा है? कौन जिम्मेदार है इस घटिया और potentially घातक चावल वितरण के लिए?

डीएम साहब को करना होगा हस्तक्षेप
जिलाधिकारी कुशीनगर को इस गंभीर प्रकरण में तत्काल प्रभाव से संज्ञान लेना चाहिए। दोषी सप्लायरों और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए ताकि भविष्य में किसी गरीब की थाली में प्लास्टिक न परोसा जाए।

जनता का आक्रोश और सरकार की छवि
आज जब सरकार गरीबों के हितों की बात करती है, मुफ्त राशन योजना पर हजारों करोड़ खर्च कर रही है, तब इस तरह की घटनाएं सरकार की साख पर प्रश्नचिह्न लगा देती हैं। यदि जनता के हक का अनाज मिलावटखोरों और भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत से जहरीला हो जाएगा तो सरकार की योजनाएं कागजों तक ही सीमित रह जाएंगी।

जरूरी है सख्त कार्रवाई
अब प्रशासन को चाहिए कि इस मामले की त्वरित जांच कराए, दोषियों को जेल भेजे और आगे से खाद्यान्न की गुणवत्ता जांचने के लिए पारदर्शी व्यवस्था लागू करे। गरीबों की थाली में जहर परोसने वालों पर कठोर से कठोर कार्रवाई ही सरकार की साख बचा सकती है।

👉 जनता की आवाज:
मुख्यमंत्री जी और डीएम साहब से आम जनता की अपील है — गरीबों की थाली सुरक्षित रखिए, दोषियों को सजा दिलवाइए!


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