
पडरौना (कुशीनगर)। तहसील पडरौना की तहसीलदार पूर्णिमा सिंह अपनी कार्यशैली और व्यक्तित्व की वजह से आज किसानों, गरीबों और फरियादियों के बीच भरोसे का नाम बन चुकी हैं। 16 जुलाई 2024 को पदभार ग्रहण करने के बाद से अब तक उन्होंने ईमानदारी, संवेदनशीलता और पारदर्शिता को ही अपनी पहचान बना लिया है।
इनकी विशेषताएँ लोगों को कर रहीं प्रभावित:
पूर्णिमा सिंह की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि वे हर फरियादी की समस्या को ध्यान से सुनती हैं और तुरंत मौके पर आदेश देती हैं। ज़रूरत पड़ने पर वे खुद फोन कर अपने अधीनस्थ अधिकारियों को निर्देशित करती हैं ताकि किसी गरीब या किसान को तहसील के चक्कर न लगाने पड़ें।
जनसुनवाई में उनका मधुर व्यवहार लोगों का मन जीत लेता है। पीड़ित व्यक्ति को भरोसा रहता है कि उसकी बात सुनी और समझी जा रही है। यही कारण है कि तहसील परिसर में उनका नाम ईमानदार और कड़क अधिकारी के रूप में लिया जाता है।
रिश्वतखोरी पर लगाम, फाइलों में पारदर्शिता:
पूर्णिमा सिंह की निगरानी के चलते राजस्व से जुड़े कार्यों में पारदर्शिता बढ़ी है और दलालों की सक्रियता में कमी आई है। किसान, गरीब और वादी पक्ष के लोग बिना किसी बिचौलिये के सीधे अपनी समस्या तहसीलदार के सामने रख पाते हैं।
सरकार की नीतियों का सही क्रियान्वयन:
प्रदेश सरकार द्वारा पारदर्शी, भ्रष्टाचार मुक्त और जवाबदेह प्रशासन के जो दिशा-निर्देश हैं, उन्हें तहसीलदार पूर्णिमा सिंह जमीनी स्तर पर उतारने में सफल मानी जा रही हैं। यही वजह है कि चारों ओर उनकी कार्यप्रणाली की सराहना हो रही है।
क्षेत्रीय किसानों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और स्थानीय नागरिकों ने उम्मीद जताई है कि तहसीलदार पूर्णिमा सिंह आगे भी इसी निष्पक्षता और ईमानदारी से लोगों को न्याय दिलाती रहेंगी।
✍️ रिपोर्ट : के एन सहानी
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