49 वर्षों से न्याय की राह पर अडिग हैं अधिवक्ता अखिलेन्दु कुमार श्रीवास्तव


49 वर्षों से न्याय की राह पर अडिग हैं अधिवक्ता अखिलेन्दु कुमार श्रीवास्तव

गोरखपुर। गोरखपुर कमीशनरी कचहरी के वरिष्ठ अधिवक्ता अखिलेन्दु कुमार श्रीवास्तव ने अपने निष्कलंक अधिवक्ता जीवन के 49 वर्ष पूरे कर लिए हैं। ईमानदारी, निष्ठा और समर्पण उनकी पहचान रही है।

श्री श्रीवास्तव का जन्म 1 जुलाई 1954 को गोरखपुर में हुआ था। मूल रूप से उनका पैतृक गांव ग्राम धुँवा टिकर, पोस्ट व थाना रामकोला, जनपद कुशीनगर है। उन्होंने बीएससी और एलएलबी की पढ़ाई गोरखपुर विश्वविद्यालय से पूरी की और इसके बाद से ही न्यायिक क्षेत्र में सक्रिय हैं।

बीते करीब पाँच दशकों में उन्होंने हजारों मुकदमों की पैरवी पूरी निष्ठा से की और हर मामले में क्लाइंट के हित को सर्वोपरि रखा। यही वजह है कि उनके ऊपर आज तक कोई भी आरोप नहीं लगा और न्यायपालिका के अधिकारियों के साथ उनके संबंध सदैव सौहार्दपूर्ण रहे हैं।

वर्तमान में श्रीवास्तव गोरखपुर के 29-A, विन्ध्यवासिनी नगर कॉलोनी, स्टार हॉस्पिटल के सामने स्थित पार्क के पश्चिम में रहते हैं। उनके साले रमन कुमार श्रीवास्तव भी कमीशनरी कचहरी में सक्रिय अधिवक्ता हैं और उन्हीं के साथ प्रैक्टिस कर रहे हैं।

श्रीवास्तव जी का कहना है कि, “कानून का पेशा केवल आजीविका नहीं बल्कि समाज सेवा का माध्यम है। क्लाइंट को न्याय दिलाना ही अधिवक्ता की असली सफलता है।”

वरिष्ठ अधिवक्ता के इस समर्पित जीवन को लेकर कानूनी गलियारों में उनकी खासी सराहना की जा रही है। युवा वकीलों के लिए श्रीवास्तव जी प्रेरणा का स्रोत बने हुए हैं।


रिपोर्टर — के.एन. साहनी, गोरखपुर


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