लू का प्रकोप: कुशीनगर में बढ़ा डायरिया और कमजोरी का संकट, डॉक्टरों ने दी अहम सलाह
कुशीनगर जनपद में इन दिनों गर्मी और लू का कहर तेजी से बढ़ रहा है। लू लगने से नौजवानों सहित मजबूत कद-काठी के लोगों की सेहत अचानक गिर रही है। शरीर में पानी की कमी से कमजोरी, चक्कर आना, उल्टी-दस्त और बुखार जैसी शिकायतें तेजी से सामने आ रही हैं। कई लोगों की हालत इतनी बिगड़ रही है कि वे चलने-फिरने की भी हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं।
गंभीर स्थिति को देखते हुए डॉ. अक्षय प्रताप सिंह (एम.डी. फिजिशियन) ने बताया कि लू लगने से शरीर का तापमान असंतुलित हो जाता है, जिससे डायरिया, पेट दर्द, बुखार और कमजोरी जैसे लक्षण उभरते हैं। यह स्थिति शरीर में इलेक्ट्रोलाइट और पानी की कमी के कारण होती है।
बचाव और उपचार के लिए डॉ. सिंह की सलाह:
सबसे पहले ओआरएस का घोल पीएं, ताकि शरीर में पानी और नमक की पूर्ति हो सके।
खिचड़ी, हरी साग-सब्जी, और नींबू पानी जैसे हल्के व पौष्टिक आहार लें।
पूरे दिन में कम से कम 4 से 5 लीटर पानी पीना जरूरी है।
यदि स्थिति में सुधार न हो तो तुरंत स्थानीय चिकित्सक से संपर्क करें, किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतें।
डॉक्टरों का कहना है कि बुजुर्ग, बच्चे और हृदय व मधुमेह रोगियों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। खुले में निकलने से पहले सिर और शरीर को ढंकें और धूप में काम करने से बचें।
सरकार और प्रशासन से मांग
स्थानीय लोगों ने स्वास्थ्य विभाग से अपील की है कि ग्रामीण इलाकों में फ्री ओआरएस, नींबू पानी और प्राथमिक उपचार शिविर की व्यवस्था कराई जाए ताकि लू से बचाव के लिए जागरूकता फैलाई जा सके।
संवाददाता: के एन साहनी
स्थान: कुशीनगर