प्रतापगढ़ में दलित व्यक्ति को चारपाई से बांधकर जिंदा जलाया, उच्चस्तरीय जांच की मांग
प्रतापगढ़ जिले के पट्टी तहसील के रामपुर गांव में अमानवीयता की सारी हदें पार कर दी गईं। एक दलित व्यक्ति पर चोरी का झूठा आरोप लगाकर उसे पहले बेरहमी से पीटा गया, फिर चारपाई से बांधकर उसकी झोपड़ी में आग लगा दी गई। इस दर्दनाक घटना में पीड़ित की मौके पर ही मौत हो गई।
घटना का पूरा विवरण
गांव के कुछ प्रभावशाली लोगों ने दलित व्यक्ति पर चोरी का आरोप लगाया था। बिना किसी ठोस सबूत के उसे घर से उठाया गया और सार्वजनिक रूप से पीटा गया। मारपीट के दौरान उसे एक पेड़ से बांधकर लाठी-डंडों से बुरी तरह पीटा गया और जब वह बेहोश हो गया, तो आरोपियों ने उसे चारपाई से बांधकर उसकी झोपड़ी में डाल दिया। इसके बाद झोपड़ी में आग लगा दी गई, जिससे उसकी दर्दनाक मौत हो गई।
परिवार का बयान
मृतक के परिवारवालों का कहना है कि उनका बेटा निर्दोष था और उसे साजिश के तहत मारा गया। उन्होंने बताया कि कुछ दबंगों से पहले से ही उनकी रंजिश थी, जिसकी वजह से उन्हें झूठे आरोप में फंसाया गया और इस नृशंस हत्या को अंजाम दिया गया।
पीड़ित की माँ और पत्नी ने रोते हुए प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई और कहा कि उनके परिवार का एकमात्र सहारा छिन गया।
श्याम लाल निषाद ने उठाई उच्चस्तरीय जांच की मांग
इस घटना के बाद समाज में आक्रोश फैल गया है। मोस्ट निदेशक शिक्षक श्याम लाल निषाद ने इस क्रूर हत्या की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि –
“आखिर दलितों को कब तक निशाना बनाया जाएगा? कब तक जातिगत भेदभाव और अत्याचार का शिकार होना पड़ेगा? यह सिर्फ एक व्यक्ति की हत्या नहीं है, यह पूरे समाज पर हमला है।”
उन्होंने योगी सरकार से अपील की है कि –
✔ इस मामले की जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी से कराई जाए।
✔ पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाए।
✔ परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए।
✔ आरोपियों को फास्ट-ट्रैक कोर्ट में जल्द से जल्द फांसी की सजा दी जाए।
सामाजिक संगठनों का विरोध प्रदर्शन
इस घटना के बाद दलित संगठनों और अन्य सामाजिक संगठनों ने गांव और जिले में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है।
✔ प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।
✔ मुख्य मार्गों पर जाम लगाकर न्याय की मांग की।
✔ पीड़ित परिवार को सुरक्षा देने और अपराधियों को कड़ी सजा देने की अपील की।
पुलिस और प्रशासन की प्रतिक्रिया
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी।
✔ कुछ आरोपियों को हिरासत में लिया गया है।
✔ एफआईआर दर्ज कर आरोपियों की तलाश जारी है।
✔ एसपी और डीएम ने मौके पर पहुंचकर मामले की जांच का आश्वासन दिया।
सरकार से न्याय की अपील
पीड़ित परिवार और समाज के लोगों ने योगी सरकार से जल्द न्याय की मांग की है।
✔ मुख्यमंत्री राहत कोष से मुआवजा दिया जाए।
✔ दोषियों को जल्द गिरफ्तार कर फांसी दी जाए।
✔ जातिगत हिंसा पर सख्त कानून लागू किया जाए।
यह घटना जातिगत हिंसा और सामाजिक अन्याय का एक भयानक उदाहरण है। यदि अपराधियों को जल्द से जल्द कड़ी सजा नहीं दी गई, तो समाज में भय का माहौल और बढ़ेगा। सरकार, प्रशासन और न्यायपालिका को इस मामले में त्वरित और कठोर कदम उठाने होंगे ताकि भविष्य में कोई भी इस तरह की अमानवीयता करने की हिम्मत न करे।
(के0एन0साहनी ओम पत्रिका, लखनऊ, उत्तर प्रदेश)