कुशीनगर।
जनपद आजमगढ़ के फूलपुर निवासी रणजीत सिंह, वर्ष 2020 बैच के दीवान, वर्तमान में थाना कसया (कुशीनगर) में तैनात हैं। पुलिस विभाग में कम समय में उन्होंने अपनी कार्यशैली, ईमानदारी और निर्भीकता से अलग पहचान बनाई है।

रणजीत सिंह का पारिवारिक पृष्ठभूमि भी बेहद प्रेरणादायक है। उनके पिता एक वरिष्ठ अधिवक्ता हैं, जिनसे उन्हें न्यायप्रियता, संवेदनशीलता और समाज के प्रति जिम्मेदारी की सीख बचपन से ही मिली। यही कारण है कि रणजीत सिंह न केवल कानून का पालन करवाते हैं, बल्कि पीड़ितों की आवाज़ बनकर न्याय दिलाने में कोई कोताही नहीं बरतते।
खास पहचान: पीड़ितों के प्रति सहानुभूति, अपराधियों पर कठोरता
रणजीत सिंह की सबसे बड़ी ताकत है उनकी निर्भीक कार्यशैली और मजबूत निर्णय क्षमता। वे हर शिकायत को गंभीरता से लेते हैं और निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ तत्काल कड़ी कार्रवाई करते हैं। यही कारण है कि कसया थाना क्षेत्र में उनकी छवि एक ईमानदार, न्यायप्रिय और मजबूत दीवान के रूप में स्थापित हो चुकी है।
थाने में आने वाले फरियादी यह मानते हैं कि यदि रणजीत सिंह को प्रकरण की जानकारी मिल जाए, तो उन्हें न्याय ज़रूर मिलेगा। वहीं अपराधियों के बीच उनका नाम ही खौफ पैदा करता है।
परिवार से मिली प्रेरणा, समाज को दिया समर्पण
रणजीत सिंह का परिवार पहले से ही सरकारी सेवा से जुड़ा है, जिससे उन्हें अनुशासन, ईमानदारी और सेवा की भावना विरासत में मिली है। उनके पिता द्वारा अदालतों में गरीबों और मजलूमों के हक में लड़ी गई कानूनी लड़ाइयों ने ही रणजीत सिंह को लोगों के लिए “कानून के रखवाले” के रूप में काम करने की प्रेरणा दी।
रणजीत सिंह न सिर्फ पुलिस महकमे के लिए एक मजबूत स्तंभ हैं, बल्कि युवाओं के लिए एक आदर्श उदाहरण भी हैं — जो सिखाते हैं कि अनुशासन, समर्पण और संवेदना के साथ किसी भी सेवा क्षेत्र में कैसे नायक बना जा सकता है।
रिपोर्ट: के. एन. साहनी
कसया, कुशीनगर