
मजदूरी के सहारे जलता है घर का चूल्हा, जर्जर झोपड़ी में पिता-पुत्र कर रहे गुजारा
कुशीनगर ( जगदीश सिंह)
तहसील हाटा क्षेत्र के विकास खंड मोतीचक अंतर्गत तेलगांवां निवासी 70 वर्षीय रामदुलारे का परिवार आज भी गरीबी और तंगहाली की मार झेल रहा है। चार वर्ष पूर्व पत्नी के निधन के बाद से वह पक्के घर का सपना पूरा नहीं कर पाए हैं। कई बार आवेदन देने के बावजूद उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ अब तक नहीं मिल सका है।
रामदुलारे का परिवार मजदूरी और आठ कट्ठा खेत के सहारे किसी तरह जीवनयापन कर रहा है। उनके पुत्र शिवनरायन (25) भी मजदूरी कर परिवार का सहयोग करते हैं। आठ वर्ष पूर्व बेटे की शादी हुई थी, परंतु रहने के लिए पक्का मकान न होने और बरसात में झोपड़ी टपकने की वजह से बहू मायके चली गई। पिता-पुत्र दोनों आज भी उसी जर्जर झोपड़ी में जीवन बिता रहे हैं।
रामदुलारे बताते हैं कि अन्त्योदय कार्ड से राशन तो मिल जाता है, परंतु झोपड़ी की बदतर स्थिति के कारण उसे सुरक्षित रखना भी कठिन हो जाता है। पेंशन और आवास योजना का लाभ पाने के लिए वे कई बार अधिकारियों के चक्कर लगा चुके हैं, लेकिन अब तक कोई राहत नहीं मिली है। ग्राम प्रधान प्रदीप सिंह ने बताया कि रामदुलारे प्रधानमंत्री आवास योजना के पात्र हैं। ग्राम पंचायत द्वारा उनका प्रस्ताव ब्लॉक को भेजा जा चुका है और सर्वे भी पूरा हो गया है। उम्मीद है कि आने वाले महीनों में उन्हें आवास योजना का लाभ मिल जाएगा। वृद्धा पेंशन के लिए भी उनका नाम भेजा गया है, लेकिन बैंक खाते में तकनीकी समस्या के चलते भुगतान में देरी हो रही है।