संघर्षों की भट्ठी में तपकर समाज में निखरे भारत मल्लाह, बजट की कमी से रुका गांव का विकास
हाटा विकास खंड के ग्राम बैदौली, थाना कसया के पहली बार निर्वाचित ग्राम प्रधान भारत मल्लाह को गांव के लोग संघर्ष की मिसाल मानते हैं। उन्होंने कठिनाइयों से लड़ते हुए मल्लाह समाज का नाम रोशन किया और जनता ने उन्हें ग्राम प्रधान बनाकर सम्मानित किया।
लेकिन गांव की जनता के लिए दुखद समाचार यह है कि 2 सितंबर 2025 को भारत मल्लाह की माता जी का देहांत हो गया। इस शोक के बावजूद भारत मल्लाह गांव की समस्याओं को लेकर चिंतित रहते हैं और लोगों से लगातार संवाद कर रहे हैं।
भारत मल्लाह का कहना है कि वे गांव के विकास के लिए लगातार प्रयासरत हैं, लेकिन कम बजट के कारण कई काम अधूरे रह गए हैं। गांव की सड़कें टूटी-फूटी और जर्जर हैं, नालियों की व्यवस्था भी खराब है। उन्होंने यह भी कहा कि ग्राम सभा को मिलने वाला फंड बहुत कम है, जिससे बड़े विकास कार्य कर पाना मुश्किल हो जाता है।
गांव के बुजुर्गों का कहना है कि पहली बार ऐसा प्रधान मिला है जो जनता की समस्याओं को समझता है, लेकिन सरकारी बजट की कमी विकास में बड़ी बाधा है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि बैदौली गांव के विकास के लिए अतिरिक्त बजट दिया जाए ताकि सड़क, नाली और अन्य मूलभूत सुविधाओं का काम पूरा हो सके।