20 साल से न्याय की जंग लड़ रहे हैं फूलबदन


20 साल से न्याय की जंग लड़ रहे हैं फूलबदन

“पीड़ितों की पैरवी कर न्याय दिलाना ही मेरा मकसद” – फूलबदन

कुशीनगर/पडरौना।
जनपद कुशीनगर के खड्डा कस्बे से निकलकर न्याय की दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाने वाले श्री फूलबदन आज हजारों पीड़ितों की उम्मीद बन चुके हैं। बचपन से ही मन में वकालत का सपना लिए फूलबदन ने तमाम कठिनाइयों का सामना किया। पिता का आशीर्वाद और अपनी मेहनत के बल पर उन्होंने एलएलबी की पढ़ाई पूरी कर अधिवक्ता के रूप में करियर की शुरुआत की।

आज वे जिला एवं सत्र न्यायालय पडरौना में सरकारी वकील के तौर पर सेवाएं दे रहे हैं।

👉 20 साल का अनुभव
फूलबदन ने बीते दो दशकों में न सिर्फ अदालत की गलियारों में अपनी मजबूत पकड़ बनाई, बल्कि न्यायाधीशों के बीच गहरी विश्वसनीयता कायम की। यही वजह है कि आज वे पीड़ितों के मामलों की पैरवी में आक्रामक अंदाज़ के लिए जाने जाते हैं।

👉 सजा तक दिलाते हैं दोषियों को
फूलबदन सिर्फ बहस तक सीमित नहीं रहते, बल्कि कानूनी दांव-पेंचों का इस्तेमाल कर दोषियों को सजा दिलाने तक लड़ाई जारी रखते हैं। वे कहते हैं –
“मेरी वकालत का मकसद सिर्फ केस लड़ना नहीं, बल्कि पीड़ितों को न्याय दिलाना और समाज में अपराधियों के खिलाफ विश्वास जगाना है।”

👉 शांत स्वभाव, पर तीखा वार कोर्ट में
बाहर से शांत और सज्जन स्वभाव के धनी फूलबदन जब कोर्ट में खड़े होते हैं तो उनकी दलीलों के सामने बड़े से बड़ा अपराधी भी झुक जाता है।

आज फूलबदन न सिर्फ अपने गांव व परिवार का नाम रोशन कर रहे हैं, बल्कि कुशीनगर न्यायालय में न्याय का दूसरा नाम बन चुके हैं।


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