कसया (कुशीनगर)।
शुक्रवार की सुबह सरस्वती चाइल्ड हॉस्पिटल, कसया, कुशीनगर में चार वर्षीय बच्ची परी को नाजुक हालत में भर्ती कराया गया। बच्ची की स्थिति अत्यंत गंभीर थी। परिजन अपने बच्चे की हालत देखकर रोते हुए डॉ. विवेक के पैर पड़ने लगे चुंकि काफ़ी बिलम्ब होने के कारण उसके शरीर मे एक्टिविटी घट चुकी थी।



डॉ.विवेक ने परिजनों को समझाया कि बच्ची की हालत गंभीर है और कहा “मैंने इलाज शुरू कर दिया है। बेहतर उपचार के लिए इसे गोरखपुर ले जाइए।”

गंभीर हालत में हॉस्पिटल आई बच्ची,डॉक्टर ने किया गोरखपुर के लिए रेफर गोरखपुर ले जाते समय रास्ते मे मौत, परिजनों का हॉस्पिटल गेट पर हंगामा
अस्पताल में भर्ती मरीजों श्रीमती आदिति और संदीप शाही ने डॉ. विवेक को होनहार और संवेदनशील डॉक्टर बताया, जो हमेशा मरीजों की सेवा में तत्पर रहते हैं।
हॉस्पिटल प्रबंधन का बयान:
प्रबंधन ने कहा कि कुछ बाहरी लोग अनावश्यक रियूमर फैलाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि हॉस्पिटल बदनाम हो जाय। “डॉ. विवेक ने मरीज की गंभीर हालत देखकर उसे तुरंत गोरखपुर रेफर कर दिया। हालात इतने गंभीर थे कि रास्ते में भी बच्ची को बचाना संभव नहीं था। डॉक्टर ने अपने स्तर से हर संभव प्रयास किया कि परी सुरक्षित गोरखपुर पहुँच जाए। लेकिन गोरखपुर ले जाते समय बच्ची के प्राण चले गए।”


कसया कुशीनगर का सर्वश्रेष्ठ चाइल्ड हॉस्पिटल मे 24 घंटे योग्य डॉक्टर की निगरानी रहती है.
कुछ लोग इस हॉस्पिटल को बदनाम करने की साजिश रचते आ रहे है जिसका एक नमूना आज का मंजर है
रिपोर्ट :टीपी सिंह कुशीनगर