सैंथवार मल्ल समाज ने उठाई जातीय अस्मिता की आवाज, स्वतंत्र पहचान दर्ज करने की मांग

कुशीनगर (जगदीश सिंह)
कप्तानगंज तहसील के अंतर्गत ब्लॉक मोतीचक के ग्राम सभा सोढरा में सैंथवार मल्ल समाज के लोगों ने एकत्र होकर जातीय अस्मिता और सामाजिक न्याय की मांग को लेकर एकजुटता दिखाई। समाज के लोगों ने सार्वजनिक रूप से यह स्पष्ट किया कि सैंथवार मल्ल जाति की पहचान को तोड़-मरोड़कर किसी अन्य जाति की उपजाति के रूप में प्रस्तुत किया जाना न केवल अस्वीकार्य है, बल्कि अनुचित व अपमानजनक भी है।
इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि सैंथवार मल्ल जाति की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक पहचान स्वतंत्र रूप से विद्यमान रही है। समाज ने खेती-किसानी से लेकर सैनिक सेवा, प्रशासन, शिक्षा और राजनीति तक देश के विकास में अहम भूमिका निभाई है। इसके बावजूद, कुछ प्रशासनिक त्रुटियों और तथ्यों की अनदेखी के कारण इस जाति को किसी अन्य जाति की उपजाति बताया जा रहा है, और उसी आधार पर आरक्षण श्रेणी में वर्गीकृत किया जा रहा है, जो समाज के अधिकारों और अस्मिता पर सीधा आघात है। अनिरुद्ध सिंह सैंथवार ने कहा कि सैंथवार मल्ल समाज को स्वतंत्र जाति का दर्जा दिया जाए और आरक्षण का लाभ भी इसी नाम से सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने मांग की कि आगामी जातिगत सर्वेक्षण, जनगणना और समाजिक न्याय विभाग के अभिलेखों में सैंथवार मल्ल जाति की वास्तविक पहचान दर्ज की जाए। इस मौके पर विश्वजीत सिंह सैंथवार, आकाश सिंह सैंथवार, जय नाथ सिंह, त्रिलोकी सिंह, अम्बिका सिंह, लाल बहादुर सिंह, श्रीभागवत सिंह और प्रमोद कुमार सिंह सहित बड़ी संख्या में समाज के लोग उपस्थित रहे।