कसया तहसील कैंपस के बगल वार्ड-27 में सड़क और जल निकासी का अभाव, झोपड़ियों में रहने वाले लोग विकास से वंचित
कसया, कुशीनगर।
नगर पालिका परिषद कुशीनगर के वार्ड नंबर 27 – पंडित दीन दयाल उपाध्याय नगर, जो कसया तहसील परिसर के चंद कदमों की दूरी पर स्थित है, आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है। यहां झोपड़ियों में रहने वाले दर्जनों गरीब परिवार बारिश में कीचड़, जल जमाव और संक्रामक बीमारियों से जूझ रहे हैं।
यह क्षेत्र ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण है – ऐसा कहा जाता है कि यहां से भगवान बुद्ध के जमाने में भी लोगों की आवाजाही होती रही है। बावजूद इसके, आज यहां की सड़कें उखड़ी ईंटों से भरी, ऊबड़-खाबड़ और चलने लायक भी नहीं हैं। बुजुर्ग, महिलाएं, विकलांग लोग – सभी के लिए यह रास्ता एक रोज़ की कठिन परीक्षा बन गया है।
न जल निकासी की व्यवस्था है और न ही स्वच्छता का कोई ठोस इंतज़ाम। नतीजतन, मच्छरों का प्रकोप और जल जनित बीमारियां तेजी से फैल रही हैं।
स्थानीय निवासी सवाल उठा रहे हैं:
> “जब नगर पालिका के अध्यक्ष और अधिकारी इस रास्ते से रोज़ गुजरते हैं, तो इन झोपड़ियों में रहने वाले गरीबों के लिए चार-पांच लाख का बजट क्यों नहीं निकलता? क्या यह इलाका विकास योग्य नहीं है?”
इस वार्ड का नाम भारत के महान चिंतक पंडित दीन दयाल उपाध्याय के नाम पर रखा गया है, पर स्थिति यह है कि नाम विकास का, और पहचान गंदगी की?
प्रशासनिक लापरवाही और राजनीतिक उपेक्षा ने यहां के नागरिकों को इस हालत में छोड़ दिया है कि वे अपने बच्चों, बीमारों और बुजुर्गों के लिए भी सुरक्षित रास्ते की मांग नहीं पूरी करवा पा रहे हैं।
जनता की माँग है:
तत्काल जल निकासी की व्यवस्था कराई जाए।
पक्की सड़क का निर्माण किया जाए।
नियमित सफाई और फॉगिंग की व्यवस्था हो।
संबंधित वार्ड को विकास के प्राथमिकता क्षेत्र में रखा जाए।